तलाश

 

मंजिल की तरफ चल पड़े हैं

राह अकेली है अनजानी है

अकेले कटता नहीं सफ़र

एक हमसफ़र की तलाश है

कड़ी धुप में जो छाँव दे

उस बदल की तलाश है

नज़रें ढूंढती हैं उसे चारों तरफ

क्या उसे भी मेरी तलाश है?

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